शरत चंद्र चट्टोपाध्यायं के मशहूर उपन्यास 'देवदास' पर अब भोजपुरी भाषा में भी फिल्म देखी जा सकती है। फिल्म में भोजपुरी फिल्मो के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले अभिनेता रवि किशन जहां देवदास की भूमिका में हैं वहीँ पारो की भूमिका में अक्षरा सिंह व चंद्रमुखी की भूमिका में मोनालिसा है. यह फिल्म २५ नवंबर को बिहार में रिलीज़ हो रही है.
फिल्म की शुरुआत फ्लैशबैक से होती है जब पारो (पार्वती) और चंद्रमुखी अपनी वृद्घावस्था में देवदास को याद करती हैं। फिल्म के कई दृश्यों व डायलॉग काफी उम्दा तरीके से फिल्माए गए हैं। भोजपुरी भाषा में 'कोठी न रास आइल त हम कोठा के आसरा ले लेलीं..' जैसे संवाद फिल्म देखने वालों को जरूर पसंद आएंगे। फिल्म के गानों को उदित नारायण, साधना सरगम, सपना अवस्थी ने अपनी आवाज देकर मधुर बना दिया है।
नदिया के पनिया में झांकेला सूरज देव..व जिनगी के बगिया में लागल रे चिनिरिया..जैसे गाने दर्शकों को लुभाएंगे। बकौल निर्देशक शरत चंद्र ने अपने ननिहाल बिहार के भागलपुर में जन्म लिया था। उन्होंने कहा कि यह फिल्म भोजपुरी भाषा को प्रतिष्ठा दिलाने की ओर एक खूबसूरत पहल है। किरंकांत वर्मा का दावा है की फिल्म का हर दृश्य फिल्म में जान डाल देता है.
फिल्म की शुरुआत फ्लैशबैक से होती है जब पारो (पार्वती) और चंद्रमुखी अपनी वृद्घावस्था में देवदास को याद करती हैं। फिल्म के कई दृश्यों व डायलॉग काफी उम्दा तरीके से फिल्माए गए हैं। भोजपुरी भाषा में 'कोठी न रास आइल त हम कोठा के आसरा ले लेलीं..' जैसे संवाद फिल्म देखने वालों को जरूर पसंद आएंगे। फिल्म के गानों को उदित नारायण, साधना सरगम, सपना अवस्थी ने अपनी आवाज देकर मधुर बना दिया है।
नदिया के पनिया में झांकेला सूरज देव..व जिनगी के बगिया में लागल रे चिनिरिया..जैसे गाने दर्शकों को लुभाएंगे। बकौल निर्देशक शरत चंद्र ने अपने ननिहाल बिहार के भागलपुर में जन्म लिया था। उन्होंने कहा कि यह फिल्म भोजपुरी भाषा को प्रतिष्ठा दिलाने की ओर एक खूबसूरत पहल है। किरंकांत वर्मा का दावा है की फिल्म का हर दृश्य फिल्म में जान डाल देता है.
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